हे महाकाली शिवे शाधिके.. रानी नारायणी राधिके.....! हे महाकाली शिवे शाधिके.. रानी नारायणी राधिके.....!
जग के तो झूठे नाते हैं, इसीलिए तो सब दुखड़े सुनाने आपके पास आते हैं। जग के तो झूठे नाते हैं, इसीलिए तो सब दुखड़े सुनाने आपके पास आते हैं।
चले थे करने अपनी क़ैद में उसकी आज़ादी को उसकी ताज़गी को उस रानी को चले थे करने अपनी क़ैद में उसकी आज़ादी को उसकी ताज़गी को उस रानी को
तुम्हारी शिकायत भी सिर्फ मुझसे ही है। तुम्हारी शिकायत भी सिर्फ मुझसे ही है।
शरीर को चाहिए रोटी, रोटी के लिए बिकता है शरीर, अस्मत और मजबूरी की, जंग जारी है शरीर को चाहिए रोटी, रोटी के लिए बिकता है शरीर, अस्मत और मजबूरी की, जंग जारी है
प्यासी सूनी-अधूरी सी, एक कसक मन को देकर ! प्यासी सूनी-अधूरी सी, एक कसक मन को देकर !